/* “2025 में वोट चोरी का ‘एटम बॉम्ब’: राहुल गांधी का पोल खोलने वाला खुलासा”(“The ‘Atom Bomb’ of Vote Theft: Rahul Gandhi’s Stunning 2025 Revelation”)

“2025 में वोट चोरी का ‘एटम बॉम्ब’: राहुल गांधी का पोल खोलने वाला खुलासा”(“The ‘Atom Bomb’ of Vote Theft: Rahul Gandhi’s Stunning 2025 Revelation”)

खंडन - इस लेख में किये गए व्यंग्य, लेख की रोचकता बनाये रखने के लिये ही किया गया । यदि फिर भी किसी  दिल को चोट पहुँचती है तो उसके लिये  Indianspolitical.com खेद व्यक्त करता है।

"राहुल गांधी द्वारा वोट चोरी का खुलासा | Rahul Gandhi Vote Theft Revelation"


संसद के ताजे सत्र में इस बात का अंदाज़ा सबको था कि ऑपरेशन सिन्दूर पर दुनिया में भद् पिटने पर भी विपक्ष के सवालों का ना तो जवाब  मिलेगा और ना ही राष्ट्रपति ट्रंप पर प्रधानमंत्री की जबान खुलेगी । किन्तु श्री राहुल गाँधी  7 अगस्त 2025 के प्रेस कॉन्फ्रेंस में वोटों की चोरी के खुलासे से भारतीय राजनीति में बवंडर पैदा कर देंगें इसका अंदाजा किसी को नही था । क्योंकि इस खुलासे ने देश के राजनीतिक संवाद को फर्जी वोटर्स, फर्जी चुनाव, बेईमान चुनाव आयोग और "वोट चोर गद्दी छोड़" पर  ला दिया है। 

राहुल गांधी का 'एटम बम' खुलासा: एक राजनीतिक गेम चेंजर

इस कथित एटम बम ने ना केवल बीजेपी का पिछले लोकसभा चुनाव साथ कई विधानसभा चुनावों में दनादन मिलने वाली जीतों के राज का पर्दाफाश कर दिया है बल्कि गोदी मीडिया द्वारा रचे गए "मोदी है तो मुमकिन है " नामक तिलिस्म के भी परखच्चे उड़ा दिये है ंं।वास्तव में इसने सत्ता में 30,40,और 50 साल तक बने रहने के बीजेपी के सुपर एक्सेटेन्डेड अध्यक्ष और जो हैं ना, काबिल गृहमंत्री के दावे के पीछे के आत्मविश्वास को हिला डाला है। 

श्री राहुल गाँधी ने दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय के प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन द्वारा तार्किक ढ़ंग से 2024 की बंगलौर सेन्ट्रल लोक सभा सीट के महादेवपुर विधानसभा क्षेत्र के आंकड़ों को लेकर  यह बतलाया किस प्रकार वोटों की धांधली कर (वोट चोरी )  कांग्रेस पार्टी को हराया गया। 

कांग्रेस पार्टी की 40 लोगों की रिसर्च टीम द्वारा 6 महीने की  मेहनत से पांच तरीकों से 6.5 लाख में से 100250 की वोट चोरी पकड़ी गई है। उन्होंने कहा हमें यह पता करने में 6 महीने इसलिये लगे क्यों कि हमें चुनाव आयोग ने मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट नहीं दिये। वोटर लिस्ट नहीं हुआ गोया प्रधानमंत्री की डिग्री हो गई जिसे प्राईवेसी की जरूरत है।  

चुनावी धोखाधड़ी के पाँच स्तर: डुप्लिकेट, नकली और थोक पंजीकरण

1. 11965 डुप्लीकेट वोटर -अर्थात एक ही नाम एक ही पिता वाले का कई बूथों और कई स्टेट के वोटर लिस्ट में होना । पिता का नाम भी कैसा EFOGAID?  हद है! 

2. 40,009 गलत और फर्जी पते वाले वोटर -अर्थात जिनके पते का पता नहीं। *मकान नम्बर 0 वाले भी कई शामिल हैं। 

3. 10,450 थोक वोटर्स अर्थात एक ही पते पर अविश्वसनीय संख्या में वोटर्स। उदाहरण एक ही कमरे के मकान में 80 की संख्या में वोटर्स। 

4. 4132 बिना फोटो और अत्यंत छोटे और अस्पष्ट फोटो वाले मतदाता। 

5. 33692 फार्म 6 वाले नये और युवा मतदाता। युवा भी कैसे 40,50,60 और 70 वर्ष तक वाले। वाह रे जागरूक फर्स्ट टाइम वोटर्स। 

बेंगलुरु सेंट्रल सीट पर प्रभाव: वोटों में हेराफेरी ने कैसे जीत बदली

कांग्रेस का आरोप है कि इन तरीकों से  सिर्फ एक महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी ने अपनी लीड अप्रत्याशित रूप से 114,046बढ़ा कर बंगलोर सेन्ट्रल की लोकसभा सीट  32,707 मतों से जीत लिया। '

'एक करोड़ रहस्यमय मतदाता' का दावा: मामले का कर्नाटक से बाहर भी विस्तार

श्री राहुल गांधी के अनुसार फर्जी वोट बढ़ा कर चुनाव जीतने के ये तरीके  2024 के लोकसभा की कई सीटों पर  लागू किये गये हैं । उन्होंने यह भी कहा वोटों की ये गड़बड़ी महाराष्ट्र, हरियाणा सहित पिछले कई विधानसभा चुनावों में भी की गई है। 

उन्होंने विशेष रूप से महाराष्ट्र में “एक करोड़ रहस्यमयी मतदाता” होने का दावा उठाया तथा कहा कि EC ने वोटर डेटा साझा करने से इंकार कर दिया और संबंधित CCTV फुटेज नष्ट कर दिए । उन्होंने पिछले दस सालों के सभी चुनावों की डिजिटल वोटर लिस्ट की मांग भी कर दी। 

उनका कहना है कि हमारे पास आंकड़े ंनहीं है ंअगर होते तो वोट काट कर चुनाव जीतने को भी कंफर्म कर पाते। चुनाव आयोग बार बार मांगे जाने पर ना तो डिजिटल वोटर लिस्ट देता है और ना ही वीडियों फुटेज दिखाता है। वीडियो रिकॉर्ड से यह पता चल सकता था कि मतदान समय समाप्ति के बाद लाखों की संख्या में वोट कैसे बढ़ जाते हैं? 

चुनाव प्रक्रिया Choreograpghed? 

श्री राहुल गाँधी के अनुसार पूरी चुनाव प्रक्रिया Choreograpghed थी और  ताकि बीजेपी को एंटीइनकंबेसी और हार से बचाया जा सके। ये आंकड़े मेरे नहीं चुनाव आयोग के ही है बतलाते हुए श्री राहुल गांधी ने कहा ये खुलासे  99% नहीं 100% सही है ं और “Atom Bomb” की तरह हैं, जो लोकतंत्र की अस्मिता को चुनौती देता है। 

उन्होंने चेतावनी दी कि सिस्टम को ध्वस्त करने वाला यह “सबूत” भाजपा और  चुनाव आयोग दोनों के लिए बचने के लिये  कोई जगह नहीं छोड़ता। यह एक क्रिमिनल फ्रॉड है  देशद्रोह है और इसे करने वाले बचेंगे नहीं। 

उन्होंने यह दावा तक कर दिया कि चुनाव आयोग हमे 2024 की लोक सभा के सभी सीटों का मशीन रीडेबल डिजिटल वोटर लिस्ट  दे दे तो हम महीने नहीं घंटे भर में साबित कर देंगे श्री नरेन्द्र मोदी वोट चोरी कर के प्रधानमंत्री बने हैं ं। 

चुनाव आयोग बेनकाब?

श्री राहुल गाँधी ये खुलासा अत्यंत सनसनीखेज और भारतीय लोकतंत्र के लिये खतरनाक है। क्योंकि लोकतंत्र के लिये स्वतंत्र और निस्पक्ष चुनाव से अधिक महत्वपूर्ण कुछ और नहीं हो सकता। कायदे से उनके खुलासे की जांच कर चुनाव  आयोग को अपनी और चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता को कायम रखने की कोशिश करनी चाहिये।

पर चुनाव आयोग ऐसा करने के बजाय राहुल गाँधी से शपथ पत्र और माफी की मांग कर चोर की दाढ़ी में तिनका की कहावत ही साबित कर रहा है। इतना ही नहीं अपने 17,अगस्त के प्रेस कॉन्फ्रेंस में वीडियोग्राफी नहीं देने के पीछे बहू-बेटियों की प्राईवेसी की बात करके उसने तो हद कर दी। वोट गिराना महिलाओं के लिये भी गौरव का विषय होता है लोकलाज का नहीं। दरअसल चुनाव आयोग की चिंता अपनी वोट चोरी की प्राइवेसी उजागर हो जाने को लेकर है। 

BJP भी बेनकाब ? 

बीजेपी के नेताओं और गोदी मीडिया का चुनाव आयोग के बचाव में आना ये सिध्द करने के लिये काफी है कि वोटों की चोरी से फायदा  किसे हो रहा है? सभी के सभी श्री राहुल गांधी के पीछे पड़ गये हैं। इसी उत्साह में बीजेपी के नेता श्री अनुराग ठाकुर ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्षी सांसदों की 6 सीटों पर भी फर्जी वोटरों के होने का खुलासा कर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है। 

एक तो इससे श्री राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोप और फर्जी वोटरों की सच्चाई ही साबित हो जाती है। दूसरे चुनाव आयोग द्वारा श्री अनुराग ठाकुर से शपथपत्र और माफी ना मांगने से चुनाव आयोग की निस्पक्षता की भी पोल खुल गई है। तीसरा यह भी सवाल उठते हैं कि बीजेपी के नेता को  डिजिटल वोटर लिस्ट कैसे मिल गये ? क्योंकि महज 6 दिनों में 6 लोकसभा सीटों का खुलासा बिना डिजिटल वोटर लिस्ट के संभव नहीं हो सकता। श्री राहुल गांधी को तो एक विधानसभा की जांच करने में ही 6 महीने लग गए। 

Godi media बेनकाब फिर से ? 

इसी तरह एक सर्वे करने वाली संस्था के एसडीएस के प्रमुख श्री संजय कुमार के महारष्ट्र चुनाव से संबंधित आकड़े को लेकर एक ट्वीट करना और फिर उसे डिलीट कर माफी मांगने को श्री राहुल गाँधी के खुलासे से जोड़ना उनसे भी माफी मांगना गोदी मीडिया और बीजेपी के नेता और भक्तों की बचकानी हरकत ही है ं। 

क्योंकि श्री राहुल गांधी के  खुलासे श्री संजय कुमार के ट्वीट और माफी से पहले हो चुके थे। वस्तुतः श्री राहुल गाँधी हों या इससे पहले Vote For Democracy या Association for Democratic Reform (ADR) इन सबके  विश्लेषण के अपने अपने तरीके रहे हैं पर आंकड़े उन्हें चुनाव आयोग ने या तो खुद दिये हैं या उसकी वेबसाइट से मिले हैं। 

SIR,एक संस्थागत वोट चोरी और मंत्रमुग्ध सर्वोच्च न्यायालय?

फर्जी वोटर्स जोड़कर और असली वोटर्स काट कर"वोट चोरी" भारतीय लोकतंत्र को समाप्त करने की सबसे बड़ी साजिश है पर इसे रोकने की बजाय इसे संस्थागत रूप देने के लिये चुनाव आयोग  बिहार में  Special Intensive Revision(SIR) करवा रहा है। ये मामला सुप्रीम कोर्ट में  गया हुआ है। पर सुप्रीम कोर्ट से भी अधिक उम्मीद नहीं की जा सकती है। पिछले दस साल में देश की स्वतंत्र व स्वायत्त संस्थाओं के हुए पतन से न्यायपालिका भी अछूती नहीं रही है। हाल में ही जज दत्ताद्वैय की टिप्पणी और फैसले इसके प्रमाण है ं। 

चुनाव से संबंधित मामलों में  तो सुप्रीम कोर्ट वैसे भी धृतराष्ट्र की तरह पैनी नजर रखता रहा है। तभी तो SIR जैसी जिंदा को मुर्दा बताने वाली और हसबैंड का नाम हसबैंड और माता का नाम इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया बताने वाली फूहड़  प्रक्रिया पर भी पिछले एक महीने से चुनाव आयोग के साथ आधार -आधार का खेल कर रहा है। ऐसे मे उम्मीद देश की सबसे बड़ी अदालत , जनता की अदालत से की जा सकती है। 

"Vote Adhikar yatra" Hoping against all Hope

खुशी की बात है विपक्ष बिहार में "वोट अधिकार यात्रा" के साथ सड़कों पर जनता की अदालत में जा पहुंचा है। इस यात्रा को मिल रहा अपार जनसमर्थन और विपक्ष के नेता का आत्मविश्वास भारत के लोकतंत्र के पुनर्जीवित होने की उम्मीद जगाने वाले हैं। "वोट चोर गद्दी छोड़" नारे से युक्त बिहार से शुरू हुआ आंदोलन ज्यों ही एक देशव्यापी जन आंदोलन का स्वरूप ग्रहण करेगा त्यो ं ही भारत के लोकतंत्र पर लगे ग्रहण का अंत भी हो जायेगा ऐसी आशा तो लोकतंत्र के हितैषी तो रख ही सकते हैं। 

जय हिन्द। 

 

*अब जबकि देश में बनने एक अरब से बने आधार कार्ड में एक में भी मकान नम्बर 0 नहीं है ये तथ्य भी  सामने आ चुके हैं। 

Parimal

Most non -offendable sarcastic human alive! Post Graduate in Political Science. Stay tuned for Unbiased Articles on Indian Politics.

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